1936-ओलिंपिक का गोल्ड जीतने के बाद क्यों रोए थे ध्यानचंद:साथियों से बोले- मैं रो रहा हूं, क्योंकि मैंने परतंत्र भारत के लिए मेडल जीता
from स्पोर्ट्स | दैनिक भास्कर https://www.bhaskar.com/sports/news/azadi-ka-amrit-mahotsav-major-dhyan-chand-berlin-olympic-1936-story-130187774.html
https://ift.tt/dXKCSeD
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें