जनसंख्या नियंत्रण अधिनियम एवं पूर्वोत्तर भारत




जविस्फोट देश के विकास में सबसे बड़ी बाधा रही है। जनसंख्या नियंत्रण अधिनियम अब देश के लिए बहुत आवश्यक हो गया है।  जनसंख्या विस्फोट से राष्ट्र और धर्म को बहुत खतरा है।  इसलिए इस खतरे से बचाने के लिए सख्त जनसंख्या नियंत्रण कानूनों की जरूरत है।  यह बात जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के राष्ट्रीय प्रधान श्री अनिल चौधरी ने कही।

 असम और पूर्वोत्तर भारत की आबादी के लिए एक सेमिनार शनिवार शाम 7 बजे आयोजित किया गया था।  बैठक में फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अनिल चौधरी और राज्य के महासचिव और उत्तर पूर्व भारत के प्रभारी श्री कृष्ण मुरारी शामिल थे।  बैठक में असम के विभिन्न जिलों के साथ-साथ मेघालय, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नागालैंड और मिजोरम के कार्यकर्ताओं द्वारा भाग लिया जा रहा है।

 बैठक के दौरान, फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अनिल चौधरी ने जनसंख्या विस्फोट से राष्ट्र और धर्म को हुए नुकसान की व्याख्या दी। 

 अनिल चौधरी ने यह भी उल्लेख किया कि आने वाले दिनों में राष्ट्र के समक्ष एक सख्त जनसंख्या नियंत्रण कानून का कोई विकल्प नहीं है।  उन्होंने असम में कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए जागरूकता अभियान की भी सराहना की। उन्होंने देश में एक सख्त जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाकर देश के सभी भूमिपुत्रों और भावी पीढ़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए जनसंख्या समाधान फाउंडेशन का आह्वान किया।

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